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Samstag, 17. Dezember 2022
विडंबना
सभी मनुष्य अविभाज्य मानवीय गरिमा के हैं।
कालेपन से भरी दुनिया में भी दुर्भावनापूर्ण लोग।
विशेषज्ञों का कहना है कि वह दूसरे लोगों की भावनाओं को पढ़ सकती हैं।
पहला पत्थर वह मारे जिसमें दोष न हो।
विडंबना यह है कि हम एक दूसरे पर उंगली उठा रहे हैं।
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