हर दिन आत्मान के सपनों की व्याख्या करने और समझने का काम
कोई भी सैनिक दिन-रात भीतर की आँख को जगाए नहीं रखता
भगवान बिना परिश्रम के अपने रहस्य उजागर नहीं करते
दुनिया और खुद को एक इंसान के रूप में समझने में ईश्वर की आज्ञाकारिता शामिल है, जिसका अनंत काल से आत्मा में निवास है।
यदि मनुष्य केवल अपने वीरतापूर्ण कार्यों पर ध्यान केंद्रित करता है तो ईश्वर तक पहुंचने का कोई भी रास्ता खुला नहीं है
दिन में दोनों आंखों से सतर्क रहें, रात को आंखें बंद करके भीतर की आंख से देखें
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