Samstag, 19. November 2022

खुद का डर और डर है

खुद का डर और डर है
हर इंसान
चौकीदार
ताकि हम नम्रता से
वास्तविकता
आत्मा और संसार
हमारे भीतर जीवन
हमारे आसपास
आज्ञा पालन
जीवन चुप है
अगर हम नहीं
हमारी भाषा के साथ
एक समझ में आओ
काम पर बेहतरी के लिए
हर दिन कार्रवाई के लिए हाथ उधार दें

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